'); दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान, बिधीपुर आश्रम में साप्ताहिक सत्संग का भव्य एवं प्रेरणादायी आयोजन

दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान, बिधीपुर आश्रम में साप्ताहिक सत्संग का भव्य एवं प्रेरणादायी आयोजन

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जालंधर 9 दिसम्बर :- दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान बिधीपुर आश्रम में इस सप्ताह का साप्ताहिक सत्संग बड़े ही श्रद्धा, उत्साह और आध्यात्मिक ऊर्जा के वातावरण में संपन्न हुआ। सत्संग में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने उपस्थिति दर्ज करवाई और गुरुचरणों में अपना प्रेम और आस्था प्रकट की। कार्यक्रम का संचालन गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी त्रिनयना भारती जी ने किया।
अपने दिव्य  प्रवचनो में साध्वी जी ने गुरु की महिमा का विस्तारपूर्वक गुणगान करते हुए कहा कि गुरु ही वह दैवीय शक्ति हैं जो मानव जीवन को अज्ञान के अंधकार से उठाकर आत्मज्ञान के प्रकाश में स्थापित करती है। उन्होंने कहा कि जीवन में भले ही कितनी भी उन्नति कर ली जाए, परंतु यदि मनुष्य अपने आत्मस्वरूप को नहीं जानता, तो उसका जीवन अपूर्ण रहता है। सच्चे गुरु की शरण में आकर और उनके द्वारा प्रदत्त ब्रह्मज्ञान को धारण करके ही मनुष्य वास्तविक शांति, आनंद और जीवन का परम उद्देश्य प्राप्त कर सकता है।

साध्वी जी ने आगे बताया कि आज का मानव बाहरी संसार में खोकर अपने भीतर की शक्ति और पवित्रता को भूलता जा रहा है। गुरु ही वह मार्गदर्शक हैं, जो साधक को भीतर की यात्रा करवाते हैं और उसे उसके वास्तविक स्वरूप से परिचित कराते हैं। ब्रह्मज्ञान केवल एक सिद्धांत नहीं, बल्कि प्रत्यक्ष अनुभूति है, जो मनुष्य के जीवन को संपूर्णता से परिवर्तित कर देती है। उन्होंने अनेक उदाहरणों, प्रेरक प्रसंगों और शास्त्रीय उद्धरणों के माध्यम से गुरु-शिष्य संबंध की गरिमा और महत्व को विस्तार से समझाया।
कार्यक्रम में भक्ति संगीत, मधुर भजन, सामूहिक कीर्तन और ध्यान से पूरे वातावरण में दिव्यता और शांति की अनुभूति हुई।  उपस्थित साधकों ने साध्वी जी के प्रवचनों को अत्यंत मनोयोग से सुना और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव किया।
आयोजन के अंत में साध्वी जी ने सभी भक्तों को सद्गुरु के संदेशों को जीवन में अपनाने, सेवा–साधना में निरंतर लगे रहने और ब्रह्मज्ञान के मार्ग पर दृढ़ता से आगे बढ़ने का आह्वान किया।

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